नई दिल्ली: हॉलीवुड फिल्म निर्माता-निर्देशक क्रिस्टोफर नोलन को लगता है कि हिंदी फिल्में उन मूलभूत कारणों को बरकरार रखने के लिए होती हैं जिनके कारण हम सिनेमा का आनंद लेते हैं, जबकि हॉलीवुड ने उसका कुछ सार खो दिया है।
ऑस्कर विजेता क्रिस्टोफर नोलन को भारतीय फिल्मों से बहुत प्यार है। आईएएनएस से इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "मुंबई की यात्राओं के साथ मेरा बॉलीवुड फिल्मों को लेकर रुझान बढ़ता गया। इन फिल्मों में वह मूल कारण होता है, जिसके कारण हम सिनेमा देखते हैं लेकिन मुझे लगा है कि हॉलीवुड सिनेमा ने उसका कुछ हिस्सा खो दिया है। भारतीय फिल्में अद्भुत और एक तरह से मौलिक हैं। ऐसी फिल्में दर्शकों को संवेदी स्तर पर जोड़ती हैं। हॉलीवुड सिनेमा में फिर से यह संवेदी जुड़ाव लाना चाहिए। क्योंकि वहां दर्शनीय स्थलों, ध्वनियों और संगीत का उपयोग सब कुछ बहुत ही संचालित सा है।"
जोधपुर में 2012 में अपनी वैश्विक ब्लॉकबस्टर "द डार्क नाइट राइजेज" के महत्वपूर्ण ²श्यों को फिल्माने के बाद, नोलन ने मुंबई में अपनी नई फिल्म 'टेनेट' के कुछ हिस्सों की शूटिंग की। ये शूटिंग मुंबई में ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल, कोलाबा कॉजवे, कोलाबा मार्केट, गेटवे ऑफ इंडिया, ग्रांट रोड, रॉयल बॉम्बे यॉट क्लब और ताज महल पैलेस होटल में हुई।
उन्होंने कहा, "भारत में शूटिंग करना शानदार था। मुझे मुंबई में स्थानीय क्रू के साथ जुड़ने में बहुत मजा आया। फिल्मों के लिए उनका प्यार और फिल्में बनाने और फिल्मों को देखने के अनुभव करने के लिए उनसे प्यार होना बहुत जरूरी चीज है। यदि आप दुनिया के अन्य हिस्सों में फिल्म बनाते हैं और ट्रैफिक या कुछ और रोकते हैं, लोग इसे पसंद नहीं करते लेकिन भारत में लोग फिल्मों से प्यार करते हैं।"
शूटिंग को लेकर बात करें तो 'टेनेट' बनाना एक वैश्विक अनुभव रहा है। उन्होंने आगे कहा, "यह एक ऐसी फिल्म है जिसे हमने पूरी दुनिया में शूट किया है। मुझे लगता है कि फिल्म के मेरे कुछ पसंदीदा हिस्से हैं और इनमें से कुछ मुंबई में शूट किए गए हैं। यह शहर वास्तव में बहुत अच्छा है।"
अंतरराष्ट्रीय जासूसी की दुनिया पर बनी यह एक्शन फिल्म दो खुफिया एजेंटो को लेकर है, जिनके किरदार रॉबर्ट पैटिंसन और जॉन डेविड ने निभाए हैं।
वार्नर ब्रदर्स पिक्च र्स के इस प्रोजेक्ट में बॉलीवुड की डिंपल कपाड़िया के साथ-साथ एलिजाबेथ डेबकी, केनेथ ब्रानघ, माइकल कैइन, आरोन टेलर-जॉनसन और क्लेमेंस पोस्सी भी हैं। फिल्म को सात देशों - भारत, अमेरिका, यूके, डेनमार्क, एस्टोनिया, इटली और नॉर्वे में शूट किया गया है।
यह फिल्म 4 दिसंबर को भारत में अंग्रेजी, हिंदी, तमिल और तेलुगु भाषाओं में रिलीज होगी।
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मॉस्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को अपने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अगले सप्ताह कोरोनोवायरस के खिलाफ बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान शुरू करें। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, उप-प्रधानमंत्री तात्याना गोलिकोवा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक ऑनलाइन बैठक में पुतिन ने कहा कि चिकित्सा कर्मचारी और शिक्षक, जो दो उच्च-जोखिम वाले समूह हैं, उनको पहले टीका लगाई जाय।
राष्ट्रपति के अनुसार, आने वाले दिनों में वैक्सीन खुराक के उत्पादन की संख्या 20 लाख तक पहुंच जाएगी।
गोलिकोवा ने पुतिन को बताया कि, मुझे यकीन है कि हम इस हफ्ते सभी तैयारियां पूरी कर लेंगे। उन्होंने कहा कि टीकाकरण स्वैच्छिक और नि: शुल्क होगा।
रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू ने कहा कि रूसी सैनिकों के लिए टीकाकरण शुरू हो चुका है और इस साल के अंत तक लगभग 80,000 सैनिकों को वैक्सीन मिलेंगे, जबकि 400,000 से अधिक सैनिकों को टीके लगाए जाएंगे।
रूस ने दो कोविड-19 टीके विकसित किए हैं, जिनका नाम है स्पुतनिक-5 और एपीवैककोरोना। विकसित किए जा रहे तीसरे टीके के लिए इस साल के अंत तक नैदानिक परीक्षणों को पूरा करने के लिए कहा गया है।
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एसकेपी
वाशिंगटन: विश्व बैंक ने कहा है कि कोविड-19 के कारण स्कूल बंद रहने से 7.2 करोड़ से ज्यादा बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई जिससे उनके गरीब होने का खतरा पैदा हो गया है। इसका मतलब है कि वे 10 साल की उम्र तक साधारण पढ़ने लिखने का काम भी नहीं कर पाएंगे। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व बैंक की 2 नई रिपोटरें में कहा गया है कि महामारी पढ़ने-सीखने को लेकर वैश्विक संकट को बढ़ा रही है। विश्व बैंक ने सीखने, निवेश और नीतियों को लेकर एक नई सोच के साथ रूपरेखा तैयार की है।
महामारी निम्न और मध्यम आय वाले देशों में प्राथमिक स्कूल के बच्चों में सीखने की इस कमी को 53 प्रतिशत से 63 प्रतिशत तक बढ़ा सकती है। इसके साथ ही यह इस पीढ़ी के छात्रों को भविष्य में लगभग 10 ट्रिलियन डॉलर खोने का खतरा पैदा करता है, जो वे अपने जीवन-काल में कमाते। यह राशि वैश्विक जीडीपी के लगभग 10 प्रतिशत के बराबर है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोविड-19 के चलते स्कूल बंद होने से अप्रैल-2010 में सबसे ज्यादा 1.6 अरब छात्र स्कूल से बाहर रहे और आज भी 70 करोड़ बच्चे स्कूल से बाहर हैं। परिवार की आय में आई अभूतपूर्व वैश्विक आर्थिक कमी के नकारात्मक प्रभाव ने स्कूल छोड़ने वालों के लिए जोखिम बढ़ा दिया है।
महामारी के चलते बड़े पैमाने पर शिक्षा प्रणालियों को ऑनलाइन जैसे नवाचारों को तेजी से लागू करने के लिए मजबूर किया गया है। लेकिन माता-पिता के सपोर्ट और घर के सीखने के वातावरण की गुणवत्ता में असमानता के कारण सीखने की असमानता भी बढ़ गई है।
बुधवार को रिपोर्ट जारी करते हुए वल्र्ड बैंक के हयूमन डेवलपमेंट की वाइस प्रेसिडेंट ममता मूर्ति ने कहा, "जरूरी कार्रवाई किए बिना छात्रों की यह पीढ़ी कभी भी सीखने की अपनी पूर्ण क्षमताओं और आय क्षमता को हासिल नहीं कर सकती है। ऐसे में देश दीर्घकालिक आर्थिक विकास को बनाए रखने के लिए जरूरी आवश्यक मानव पूंजी खो देंगे।"
मूर्ति ने आगे कहा, "दूरदर्शी और साहसिक कार्रवाई के जरिए ही दुनिया भर के नीति निर्धारक और हितधारक इस संकट को शिक्षा प्रणालियों को बदलने में एक वरदान की तरह इस्तेमाल बदल सकते हैं ताकि सभी बच्चे सही मायने में हर जगह आनंद और उद्देश्य के साथ शिक्षा प्राप्त कर सकें।"
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लॉस एंजिल्स: अभिनेत्री और पूर्व रेसलर निक्की बेला ने अपने पूर्व बॉयफ्रेंड जॉन सीना को अक्टूबर में हुई उनकी शादी के लिए अब बधाई दी है। बेला ने 'ऑल थिंग्स वेंडरपम्प' पॉडकास्ट पर कहा, "मैंने उसे बधाई नहीं दी है। क्या ऐसा करने का नियम हैं? क्या मुझे करना चाहिए? क्या मुझे फूल भेजना चाहिए?"
फीमेल फर्स्ट डॉट को डॉट यूके की रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 में डब्ल्यूडब्ल्यूई स्टार डैनियल ब्रायन से शादी करने वाली उनकी जुड़वां बहन ब्री ने कहा कि वह अपने पूर्व प्रेमी से संपर्क नहीं करना चाहती थी, जिसकी अब शादी हो चुकी है।
ब्री ने कहा, "हमें रिश्ते को खत्म किए हुए बहुत साल हो गए इसलिए हमने बधाई नहीं दी।" मेजबान लिसा वेंडरपम्प ने निक्की से कहा कि उसे शादी के लिए सीना को एक प्यारा सा संदेश भेजकर "इस सबसे बाहर निकलना चाहिए"।
तब निक्की ने कहा, "जॉन, आपको शादी की बधाई। मैं आपके लिए बहुत खुश हूं।"
बता दें कि 2017 में सगाई करने से पहले 2012 से निक्की और जॉन डेट कर रहे थे। लेकिन सगाई के अगले साल बाद ही दोनों अलग हो गए।
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एसडीजे-एसकेपी
नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल के दाम में गुरुवार को फिर लगातार दूसरे दिन वृद्धि दर्ज की गई। तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल के दाम में दिल्ली में 17 पैसे, कोलकाता में 16 पैसे, मुंबई में 17 पैसे और चेन्नई में 15 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की है। वहीं, डीजल के दाम में दिल्ली और कोलकाता में 19 पैसे प्रति लीटर जबकि मुंबई में 20 पैसे और चेन्नई में 18 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई है। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम बढ़कर क्रमश: 82.66 रुपये, 84.18 रुपये, 89.33 रुपये और 85.59 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं।
चारों महानगरों में डीजल के दाम भी बढ़कर क्रमश: 72.84रुपये, 76.41 रुपये, 79.42 रुपये और 78.24 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं।
इस महीने दिसंबर में लगातार दो दिनों की वृद्धि के बाद देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल का भाव 32 पैसे प्रति लीटर बढ़ गया है जबकि डीजल के दाम में 42 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि हुई है।
अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटर कांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड के फरवरी डिलीवरी वायदा अनुबंध में गुरुवार को पिछले सत्र के मुकाबले 0.58 फीसदी की तेजी के साथ 48.23 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था।
जबकि न्यूयार्क मर्केंटाइल एक्सचेंज (नायमैक्स) पर वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) के जनवरी डिलीवरी वायदा अनुबंध में पिछले सत्र के मुकाबले 0.11 फीसदी की कमजोरी के साथ 45.23 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था।
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पीएमजे-एमएनएस
नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कहा है कि 2021 की बोर्ड परीक्षाएं पारंपरिक तरीके से लिखित मोड में ही आयोजित की जाएंगी। साथ ही कहा कि परीक्षाओं को ऑनलाइन तरीके से आयोजित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
सीबीएसई ने कहा, "2021 की बोर्ड परीक्षाएं नियमित रूप से लिखित तरीके से होंगी ना कि ऑनलाइन होंगी।" अधिकारियों ने कहा कि परीक्षा की तारीखें अभी तय नहीं की गई हैं।
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, "छात्रों के बेहतर भविष्य के साथ-साथ प्रगति सुनिश्चित करने के लिए परीक्षाएं आयोजित करना महत्वपूर्ण है।"
इस साल महामारी और उसके बाद जनजीवन में आए 'नए सामान्य' के बीच परीक्षाओं को लेकर छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच कई तरह की अटकलें लग रही हैं। बोर्ड परीक्षाओं के पंजीकरण से लेकर क्लासें तक सब कुछ वर्चुअली संचालित की जा रहीं हैं।
इससे पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा था, "ऑनलाइन शिक्षा उन छात्रों के लिए एक बड़ी चुनौती है जो लगातार स्कूल और कॉलेज से दूर हैं। लेकिन छात्रों को इस चुनौती को एक अवसर में बदलने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।" ऐसी सभी संभावनाओं के चलते सरकार ने महामारी के बीच में भी परीक्षाएं आयोजित कराने के लिए एक नई पहल की है।
शिक्षा मंत्री ने परीक्षाओं के संचालन के लिए पूर्व छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के साथ तीन-चरण की वार्ता रखने की योजना बनाई है। वेबिनार के जरिए वह 3 अलग-अलग दिनों में इनसे संवाद कर सकते हैं। इसके बाद वह राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों से बात करके समीक्षा करेंगे, ताकि परीक्षाएं आयोजित करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय, गृह मंत्रालय के आदेशों के अनुसार विस्तृत योजना बनाई जा सके।
उन्होंने कहा, "सबसे बड़ी चुनौती बेहतर संकल्प और इच्छाशक्ति के साथ अध्ययन करने और समय पर परिणाम जारी करने की है ताकि छात्रों का शैक्षणिक वर्ष बर्बाद न हो।"
--आईएएनएस
एसडीजे-एमएनएस
नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों को लेकर जारी प्रदर्शन के बीच गुरुवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात करेंगे। यह मुलाकात केंद्र और किसान संगठनों के बीच चौथे दौर की वार्ता से पहले होगी। ऐसे में यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है। सूत्रों के अनुसार कैप्टन आज सुबह दिल्ली में शाह के साथ विचार-विमर्श करेंगे और गतिरोध के समाधान के लिए प्रयास करेंगे। पंजाब के मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी किसानों के विरोध का समर्थन कर रही है और राज्य विधानसभा में केंद्र के कृषि कानून को नजरअंदाज करने के उद्देश्य से कई विधेयक पारित किया है। उन्होंने कहा था कि वह और उनकी सरकार सामूहिक हित में केंद्र और किसानों के बीच बातचीत में मध्यस्थता करने को तैयार हैं।
प्रदर्शन कर रहे अधिकतर किसान पंजाब से हैं। सात दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे हैं। किसान कृषि कानूनों को रद करने की मांग पर अड़े हुए हैं। किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच मंगलवार को हुई एक बैठक बेनतीजा रही। किसान यूनियनों का कहना है कि नए कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समाप्त हो जाएगा, लेकिन सरकार का कहना है कि यह व्यवस्था जारी रहेगी और कानून किसानों को अपनी फसल बेचने के अधिक विकल्प देगा।
नए कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों और केंद्र के बीच अब तक तीन दौर की वार्ता हो चुकी है। किसी का भी नतीजा नहीं निकला है। ऐसे में आज होने वाली चौथे दौरे की बैठक पर सभी नजरें टिकी हुई हैं। मंगलवार को वार्ता के दौरान सरकार की ओर से संयुक्त समिति के गठन के प्रस्ताव को किसान नेताओं ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि वार्ता का कोई नतीजा आने तक आंदोलन जारी रखा जाएगा। इस दौरान किसान संगठनों और सरकार के बीच करीब चार घंटे तक बातचीत हुई।
नई दिल्ली: देश में सर्दी जोर पकड़ चुकी है, और तापमान में हो रही गिरावट को देखते हुए लग रहा है कि इस बार देशवासियों को ठंड का सितम कुछ ज्यादा ही झेलना पड़ेगा। पहाड़ों पर लगातार हो रही बर्फबारी मैदानी इलाकों के लिए ठंड में इजाफा कर रही है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर इस वक्त पूरी तरह से बर्फ की चादर में ढक चुके हैं। तो वहीं उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में पारे में लगातार गिरावट के कारण लोग कड़ाके की ठंड का सामना कर रहे हैं। इसके अलावा दक्षिण भारत में निवार के बाद अब बुरवेई चक्रवाती तूफान को लेकर चेतावनी दी गई है। मौसम विभाग के अनुसार खाड़ी में उठने वाले इस तूफान की श्रीलंका के त्रिनकोमाली के दक्षिण पूर्व से 240 किमी की दूरी है वहीं भारत के पामबन से फिलहाल यह तूफान 470 किमी और कन्याकुमारी से 650 किमी दूरी पर है।
मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में के तापमान में गिरावट आएगी। इसके साथ ही सुबह-शाम कोहरा रहने के भी आसार हैं हालांकि दिन में मौसम साफ रहेगा। बुधवार को लखनऊ में अधिकतम तापमान में मामूली गिरावट दर्ज की गई। इसके अलावा यूपी में प्रदूषण की समस्या भी बढ़ेगी।
उत्तराखंड में न्यूनमत तापमान में गिरावट के साथ ठंड बढ़ने लगी है। मौसम विभाग ने आशंका जताई है कि चार दिसंबर को पश्चिमी विक्षोभ हिमालय से टकरा सकता है, जिसके बाद ठंड में इजाफा दर्ज किया जा सकता है।
नई दिल्ली: नए कृषि सुधार कानूनों को खत्म करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की वैधानिक गारंटी की मांगों को लेकर दिल्ली बार्डर पर डटे किसानों के साथ चौथे दौर की बैठक गुरुवार को है। अब सभी की उम्मीदें इस वार्ता पर टिक गई हैं। इसे लेकर किसान संगठनों और सरकार में बुधवार को दिनभर तैयारियों का दौर चलता रहा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर मंत्रियों के बीच मंत्रणा हुई। जबकि दिल्ली के सिंघु बार्डर पर किसान नेताओं के बीच दिनभर कई दौर की बैठकें हुईं, जिसमें सरकार के समक्ष उठाए जाने वाले मुद्दों पर मंथन किया गया। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘गुरुवार की बैठक में किसानों की चिंताओं पर चर्चा कर उनका समाधान किया जाएगा। सरकार इसके लिए तैयार है।
किसान मजदूर संघर्ष समिति, पंजाब ने कहा कि जब तक पीएम मोदी सभी 507 किसान यूनियनों के नेताओं के साथ बैठक नहीं करेंगे तब तक वह सरकार द्वारा बुलाई गई किसी भी बैठक में शामिल नहीं होंगे।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। हालांकि, अभी मुलाकात का समय तय नहीं है, लेकिन बताया गया है कि दोनों नेताओं के बीच किसान संगठनों और केंद्र के बीच होने वाली चौथे दौर की बैठक से पहले मुलाकात हो सकती है। बुधवार को कैबिनेट बैठक में मंत्रियों के साथ चर्चा करते हुए कैप्टन ने कहा, वह गुरुवार को कृषि सुधार कानूनों को लेकर अमित शाह से मिलेंगे।
विज्ञान भवन में गुरुवार दोपहर 12 बजे होने वाली बैठक में कुल 35 किसान संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा ले सकते हैं। तोमर ने कहा, ‘हम किसानों के साथ बैठक करेंगे जिसमें किसी हद तक समाधान हो सकता है।’ उन्होंने कहा, ये कानून किसानों के हित में हैं। लेकिन कोई दिक्कत है तो हम उनकी चिंताओं पर चर्चा करने को तैयार हैं।
किसानों के साथ मंगलवार को हुई वार्ता में उठाए गए सवालों और गुरुवार को होने वाली चौथे दौर की बैठक की रणनीति पर विचार करने के लिए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गृह मंत्री शाह से उनके आवास पर मुलाकात की। इस दौरान कृषि कानूनों को खत्म करने जैसी किसानों की जिद पर चर्चा हुई। गुरुवार की बैठक में किसानों को मनाने और कानून की बारीकियों से उन्हें परिचित कराने का प्रयास किया जाएगा। माना जा रहा है कि किसानों के बड़े प्रतिनिधिमंडल की जगह सीमित संख्या में आने की बात को नकार देने जैसे मसले भी वार्ता की गंभीरता को प्रभावित करेंगे।
उधर, बार्डर पर डटे किसान संगठनों की कई बैठकें हुईं, जिसमें केंद्रीय मंत्रियों के साथ होने वाली वार्ता के एजेंडे पर कोई आम राय नहीं बन पाई। जबकि सरकार ने उन्हें बुधवार शाम तक अपनी आपत्तियों की सूची सौंप देने को कहा था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। किसानों की संयुक्त बैठक में भारतीय किसान यूनियन-टिकैत (भाकियू-टिकैत) के नेता राकेश टिकैत का संगठन भी शामिल हुआ। कृषि मंत्री की मंगलवार को भाकियू-टिकैत के नेताओं से अलग से मुलाकात हुई थी, जिसे लेकर माना जा रहा है कि आंदोलन कर रहे किसान संगठनों में मुद्दों को लेकर मतभेद है। लेकिन किसान संगठनों की बुधवार की बैठक में पंजाब के किसान संगठनों के साथ टिकैत ने भी हिस्सा लिया।
टिकैत ने बताया कि बैठक में सभी किसान संगठनों के नेताओं से कहा गया कि जारी किए जाने वाले बयानों में एकरूपता होनी चाहिए। मसले एक जैसे होने चाहिए। सरकार को सौंपी जाने वाली सूची के बारे में टिकैत ने बताया, ‘एमएसपी की गारंटी और संसद के पिछले सत्र में पारित तीनों कृषि कानूनों को खत्म करने की मांग पर वे अड़े रहेंगे।
पटना: राज्यसभा चुनाव में महागठबंधन को लोक जनशक्ति पार्टी प्रमुख चिराग पासवान से उम्मीद थी कि वे माया से मुक्त होकर उधर से इधर आएंगे। विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में अपनी उपेक्षा और फजीहत का बदला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से लेंगे। इसी रणनीति के तहत राष्ट्रीय जनता दल ने रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई राज्यसभा की सीट पर उनकी पत्नी रीना पासवान (Reena Paswan) को प्रत्याशी बनाने का प्रस्ताव चिराग को दिया था। किंतु चिराग ने प्रतिपक्ष की राजनीति करने से साफ इनकार कर दिया। तब आरजेडी को भी पांव खींचने में ही भलाई नजर आई। स्पीकर के चुनाव के अंजाम से सबक लेते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने अगले सप्ताह झारखंड हाईकोर्ट में लालू प्रसाद यादव की जमानत (Bail) याचिका पर सुनवाई से पहले किसी विवाद में पड़ने से परहेज करना ही बेहतर समझा है। पार्टी ने अभी तक अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रत्याशी सुशील मोदी का निर्विरोध निर्वाचन तय माना जा रहा है।
दरअसल, अपने वोट बैैंक का ख्याल करते हुए आरजेडी इस चुनाव को खुद नहीं लड़कर एलेजपी को लड़ाना चाहता था। आरजेडी की चाल दलित मुद्दे को उछालकर सत्ता पक्ष को परेशान करना था। किंतु महागठबंधन के प्रस्ताव पर चार दिनों तक विचार और तेजस्वी को इंतजार कराने के बाद चिराग पासवान ने आखिरकार इनकार कर दिया।
एलजेपी के इस रवैये से महागठबंधन की उस उम्मीद को झटका लगा है, जिसके सहारे वह एनडीए को एक और बड़ी चुनौती देने की कोशिश में था। विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से महागठबंधन की तुलना में राजग आगे है। राजग के पास कुल 126 विधायकों का समर्थन है, जबकि महागठबंधन के पास 110 विधायक हैैं। स्पीकर चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम के पांच विधायकों ने भी राजद के प्रत्याशी को समर्थन दिया था। पूरे विपक्ष के एकजुट होने के बाद भी राजद जरूरी संख्या तक नहीं पहुंचता दिख रहा था। ऐसे में जीत की गारंटी तो नहीं थी, उल्टे फजीहत बढ़ जाती। स्पीकर चुनाव में बीजेपी विधायक से आरजेडी प्रमुख की बातचीत का ऑडियो वायरल हो जाने के बाद आरजेडी की किरकिरी भी हुई थी और लालू प्रसाद की मुश्किलों में इजाफा भी हो गया था।
नई दिल्ली: सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया और भारत बायोटेक के वैक्सीन के तीसरे फेज के एडवांस स्टेज में पहुंचने के साथ ही सरकार के वैक्सीन वितरण की रणनीति साफ होने लगी है। इस रणनीति के तहत कोरोना की जांच व मरीजों के इलाज में लगे स्वास्थ्य कíमयों, सफाई कर्मियों के साथ अन्य कोरोना वारियर्स के साथ-साथ 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को केंद्र सरकार प्राथमिकता के आधार पर मुफ्त में वैक्सीन देगी। इनके अलावा अन्य लोगों को वैक्सीन के लिए न सिर्फ लंबा इंतजार करना पड़ेगा, बल्कि उसकी कीमत भी उन्हें खुद चुकानी पड़ सकती है।
वैसे राज्य सरकारों को भी अपने-अपने प्राथमिकता वाले ग्रुप की पहचान कर उन्हें वैक्सीन देने की छूट होगी। केंद्र सरकार थोक में वैक्सीन खरीद कर सस्ती दरों पर राज्यों को उपलब्ध कराएगी। आम लोगों को कोरोना का मुफ्त वैक्सीन उपल्बध कराने के संवेदनशील मुद्दे पर सरकार का कोई भी अधिकारी खुल कर बोलने के लिए तैयार नहीं है। लेकिन मंगलवार को स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने साफ संकेत दिया कि केंद्र सरकार सभी लोगों को मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध नहीं कराने जा रही है। उनके अनुसार केंद्र सरकार ने कभी भी सभी लोगों को वैक्सीन देने की बात नहीं की थी। वहीं आइसीएमआर के महानिदेशक डाक्टर बलराम भार्गव के अनुसार सरकार की कोशिश वैक्सीन देकर कोरोना के संक्रमण की कड़ी को तोड़ना भर है और वैक्सीन के साथ-साथ मास्क भी इसमें अहम भूमिका निभाएगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार 30 करोड़ लोगों को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन देने का फैसला किया है। इनमें 50 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति भी शामिल हैं, जिनमें कोरोना के कारण मरने की वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। प्रति व्यक्ति दो डोज के हिसाब से प्राथमिकता वाले लोगों के लिए ही कुल 60 करोड़ डोज की जरूरत पड़ेगी। उनके अनुसार दुनिया के सबसे वैक्सीन उत्पादक देश होने के बावजूद मौजूदा क्षमता के अनुसार 60 करोड़ डोज मिलने में छह से सात महीने के समय लग जाएगा। सरकार ने अगस्त-सितंबर तक सभी प्राथमिकता वाले समूहों को वैक्सीन देने का लक्ष्य रखा है। यानी उसके पहले आम लोगों के लिए वैक्सीन उपलब्ध हो पाना मुश्किल है और उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ेगा।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगले साल सितंबर तक जबतक प्राथमिकता वाले समूह को वैक्सीन देने का काम पूरा होगा, तब कोरोना के संक्रमण की क्या स्थिति होगी, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। सितंबर महीने में आइसीएमआर से सिरो सर्वे में सात फीसद लोगों में कोरोना का एंटीबॉडी पाया गया था। लॉकडाउन खत्म होने और आर्थिक गतिविधियों के बढ़ने के साथ-साथ कोरोना के वायरस के तेजी से फैलने से कोई इनकार नहीं कर सकता है।
एक स्थिति यह भी हो सकती है कि अगले साल अगस्त-सितंबर तक 50-60 फीसद से अधिक जनसंख्या तक कोरोना का वायरस पहुंच चुका होगा, उसके संक्रमण की कड़ी टूट चुकी होगी। यानी यह वायरस आसानी से एक-से-दूसरे में नहीं फैलेगा।वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संक्रमण की कड़ी भले टूट जाए, लेकिन उसके बाद भी बड़ी संख्या में ऐसे लोग होंगे, जिनमें संक्रमण की आशंका बरकरार रहेगी। ऐसे लोगों को अपने लिए वैक्सीन का इंतजाम खुद करना होगा। या फिर संबंधित राज्य सरकारें अपने खर्चे पर लोगों को मुफ्त वैक्सीन देने का इंतजाम कर सकती है। वैसे उस समय तक कई कंपनियों की वैक्सीन बाजार में होने के कारण उनकी कीमत काफी कम हो चुकी होगी।
नई दिल्ली: चीन अपने सैनिकों के लिए अंतिम क्षणों में ऊंचाई वाले स्थानों पर सामानों और कपड़ों की आपातकालीन खरीद करने के प्रयास कर रहा है, क्योंकि चीन पूर्वी लद्दाख की ऊंचाइयों पर कड़ाके की ठंड के लिए भारत की तैयारी से अनजान था। पूर्वी लद्दाख की ऊंचाईयां ही दोनों देशों के बीच विवाद का विषय है।
भारत ने रेचिंग ला, रेजांग ला, मुकपारी सहित पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर महत्वपूर्ण ऊंचाइयों पर उपस्थिति दर्ज करा ली है, जो अब तक मानव रहित थे।
इस क्षेत्रों पर उपस्थिति के साथ ही भारत अब चीनी नियंत्रण वाले स्पैंगुर गैप और मोल्डो गैरीसन पर नजर रख सकता है। इस गतिविधि ने चीनी पीएलए को विचलित कर दिया है, जिसने भारतीय सेना को इस क्षेत्र से हटाने के लिए चेतावनी वाले गनशॉट्स भी फायर किए।
अब, यह देखते हुए कि भारत में सर्दियों के महीनों के दौरान भी ऊंचाई पर उपस्थिति बरकरार रखी है और इन क्षेत्रों में तापमान के शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे जाने की स्थिति में भी भारतीय जवान वहां डटे हुए हैं। चीन ने भी अब अपने सैनिकों को 16,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर तैनात करने के लिए आपातकालीन तैयारी शुरू कर दी हैं।
खुफिया सूत्रों ने कहा कि चीन ने 9,000-10,000 फीट के लिए भारी मात्रा में सर्दियों के कपड़ों की खरीद की थी, लेकिन जब विवाद का हल नहीं हुआ और गतिरोध जारी रहा, चीन ने शीतकालीन कपड़ों के लिए थोक खरीद शुरू कर दी।
दोनों एशियाई दिग्गजों ने लंबे और कड़ाके की सर्दी के बावजूद पीछे हटने से इनकार कर दिया है, दोनों तरफ तैनाती बढ़ाई जा रही है।
सूत्रों ने कहा कि पीएलए ने ज्वाइंट लॉजिस्टिक्स सपोर्ट फोर्स (जेएलएसएफ) का गठन किया है, ताकि कड़ाके की ठंड के लिए अच्छे कपड़े खरीदे जा सकें। इस टीम को अब अच्छी गुणवत्ता वाले कपड़े और इन कपड़ों को सैनिकों के बीच तेजी से वितरण सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है।
जबकि भारतीय सेना को सियाचीन की ऊंचाई पर सेना को तैनात करने का अनुभव प्राप्त है। इसलिए कड़ाके की ठंड और चीन के साथ विवाद को देखते हुए भारतीय सेना ने पहले ही अमेरिका से इस स्थिति के लिए कपड़े खरीद लिए थे।
सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा भारतीय सेना ने सेक्टरों में तैनात सभी जवानों के लिए आवास सुविधाओं की भी व्यवस्था कर ली है।
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास आठ महीने से तनाव की स्थिति बरकरार है। कई स्तरों की बातचीत के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली है और गतिरोध जारी है।
15 जून को, गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में कम से कम 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे और अज्ञात चीनी सैनिक मारे गए।
--आईएएनएस
आरएचए/एएनएम
नई दिल्ली/गाजियाबाद: क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि हमने टिकैत जी (भारतीय किसान यूनियन) के साथ भी बातचीत की, उन्होंने बताया कि वह हमारे साथ हैं। हम इस संघर्ष में एक साथ हैं। उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि केंद्र सरकार को कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए एक विशेष संसद सत्र बुलाना चाहिए। वहीं, नोएडा के डीसीपी राजेश कुमार सिंह ने कहा कि दिल्ली-नोएडा सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को अंबेडकर मेमोरियल पार्क में शिफ्ट कर दिया गया है। ताकि किसी को कोई परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि यूपी से आए किसान रोड पर बैठ गए थे जिससे जाम लग रहा था। अब उन्हें पार्क में प्रदर्शन करने को कहा गया है।
वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को किसान आंदोलन को लेकर प्रेसवार्ता की। केजरीवाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर घटिया राजनीति करने का आरोप लगाया। सीएम केजरीवाल ने कहा कि कल कैप्टन ने मुझ पर आरोप लगाया कि मैंने तीनों कृषि कानूनों को पास किया है। जबकि कैप्टन को भी मालूम है कि कानून केंद्र ने पास किए हैं। जिस दिन इन कानूनों पर राष्ट्रपति ने साइन कर दिए ये कानून देश भर में लागू हो गए। कोई राज्य सरकार का मामला नही है। इसीलिए किसान दिल्ली आए हैं। केजरीवाल ने कहा कि कैप्टन ने झूठ क्यों बोला। इसका कारण केंद्र सरकार का उन पर दबाव है। कैप्टन पर ईडी के मामले चल रहे हैं। जिनमें उन पर नोटिस किए गए हैं। इसलिए कैप्टन भाजपा की भाषा बोल रहे हैं।
टीकमगढ़ (मप्र): मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में एक महिला को सरे राह पीटा गया और उसके कपड़े तक उतार दिए गए। पुलिस ने इसे आपसी मारपीट का मामला बताते हुए 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें चार महिलाएं है। इस मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। मिली जानकारी के अनुसार, कुंडेश्वर थाना क्षेत्र में मंगलवार को एक महिला को सरेराह पीटा गया। महिला को नग्न करने की कोशिश हुई, उसके कपड़े तक उतार दिए गए। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। कोतवाली थाने के प्रभारी सुनील शर्मा के अनुसार यह मारपीट का मामला है, इस मामले में कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है, इनमें चार महिलाएं है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में महिला कम कपड़ों में साफ नजर आ रही है।
--आईएएनएस
एसएनपी-एसकेपी
दुनिया | 28-11-2020